Monday 21 December 2015

नौकरी और मज़हब

दरवाज़े पर पहुँच कर मैंने बड़ी सी साँस ली। आज पहला दिन था ना, सोचा वक़्त से पहुँचना चाहिए। सारे रस्ते मन को बस यही सांत्वना दे रही थी कि सब ठीक होगा, पहला ही तो दिन है। फिर भी घंटी बजाते हुए दिल घबरा रहा था। खैर! हिम्मत करके अंदर गयी, उन्होंने बैठने के लिए बोला और बात-चीत शुरू हो गयी। 
- तो, क्या करती हैं आप? 
- Symbiosis यूनिवर्सिटी से MBA कर रही हूँ। 
- ओह! कहाँ से हैं?
- पंजाब 
- तो, इससे पहले क्या पढ़ चुकी हैं?
- Computer Science में B.Tech किया और 12th भी maths & science में किया है। 
(मेरे चेहरे के भावों की अभिव्यक्ति से)
- लगता है maths काफी पसंद है आपको?
- जी, maths हमेशा से मेरा पसंदीदा विषय रहा है। 
- (मुस्कुराते हुए) बहुत बढ़िया! मुझे लगता है कि आप बिल्कुल उपयुक्त रहेंगी इस काम के लिये। 
- शुक्रिया!
- (उठते हुए) वैसे, किस जात से ताल्लुक रखती हैं आप?

मैं एक पल के लिए सकपका सी गयी। मन में एक तूफ़ान उठ खड़ा हुआ। चेहरे की मुस्कुराहट अचानक ही उदासी में बदल गयी। एक सवाल और मानो सब पलट गया। 
इतने पढ़े- लिखे लोग और इनको इस बात की पड़ी है कि मेरा मज़हब क्या है। धर्म जाति कोई भी हो, मज़हब तो प्यार करना ही सिखाता है ना! क्या यही सोच है खुद को आधुनिक और व्यावहारिक बोलने वाली पीढ़ी की? फिर आभास हुआ कि मेरी सब योग्यता और उपाधियाँ बेमानी हो गयी उस जगह के लिए... 

क्या फर्क पड़ता है मैं किस खानदान या जाति में पैदा हुई? आप ही बताइये क्या जात हो सकती है मेरी?
रोज़ सुबह उठ कर मैं दुआ की स्तिथि में बैठ कर हनुमान चालीसा का जाप करती हूँ, मेरे गले में मैंने खंडा पहना हुआ है और पूजा खत्म होने पर मैं दोनों आँखों को अपने हाथों से छूकर ऊपरवाले को प्रार्थना करती हूँ- "O God! Save the World".
तो, क्या पुकारेंगे आप मुझे? हिन्दू, मुस्लिम, सिख या ईसाई?

फिर दूसरी तरफ से आवाज़ आई, "I am asking about your caste madam, caste?"

मैं उठ खड़ी हुई, दस्तावेज़ उठाये और जाने लगी। जाते- जाते इतना ही बोल पायी कि मैं हिंदुस्तान में पैदा हुई और पंजाब ने मुझे पाला है, इससे ज़्यादा मैं नहीं जानती। 
शुक्रिया!
मुझे ये नौकरी नहीं चाहिए। 
GoodBye!!

4 comments:

  1. Replies
    1. Wow,bharti you write so well.Is this piece real or fiction if real then your reaction was commendable.I am so happy to find that you write,very proud of you.You writing is so delectable and emoting.Keep it up.I am looking forward to mOre of your work.I m unable to contain my happiness to find this talent of your.please write often .I am gonna be a consistant reader of your blog.best of luck.

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    2. Thank you so much Himani.. I just found out your reply today.. I am so sorry to reply to you actually so late.. Thanku for all your compliments.. )

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